नाम है तेरा तारण हारा कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा ...(२)
वो कितना सुन्दर होगा ...
तुमने तारे लाखो प्राणी
यह संतोह की वाणी है
तेरी छवि पर वोह मेरे भगवंत
यह दुनिया दीवानी है ..(२)
भाव से तेरी वो हु जग चाहू ..(२)
जीवन में मंगल होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा
वो कितना सुंदर होगा ...
सुरवर मुनिवर जिनके चरण में
निशदिन शीश जुकते है
जो गाते है प्रभु की महिमा
वो सब कुछ पा जाते है ...(२)
अपने कष्ट मिटाने को तेरे ...(२)
चरणों का वंदन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा ...(२)
मन की मुराते लेकर स्वामी
तेरे चरण में आये है ,
हम है बालक , तेरे जिनवर
तेरे ही गुण गाते है ...(२)
भाव से पर उतरने को तेरे ...(२)
गीतों का स्वर -संगम होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा ..(२)
नाम है तेरा तारण हारा
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा .
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